स्वच्छ भारत मिशन के तहत जहा अधिकारियों ने कागज में अधिकांश गाँवो को ओडीएफ घोषित करा दिया है, फिर भी जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है ,ऐसे बहुत कम ही गांव है जहां की सड़कों पर गंदगी ना हो ,गांव को ओडीएफ करने के लिए उस गांव की जरूरत के अनुसार सरकारी धन के उपयोग शौचालय बनवाया गया, फिर भी सड़कों गंदगी बिखरी पड़ी है, जो इस मिशन पर एक धब्बे के समान है
स्वच्छ भारत मिशन के तहत केंद्र व राज्य सरकार गंदगी मुक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध हो, शौचालय की अनुदान राशि को दोगुना कर दिया ,जिससे किसी को शौचालय निर्माण में कोई दिक्कत ना हो, इसके निर्माण उपयोग व लाभ के बारे में विभिन्न माध्यमों से लोगों को जागरूक करने के लिए प्रेरित किया गया, अधिकारी व कर्मचारी जल्दी बाजी में तो अधिकांश गांवों को ओडीएफ करा दिए लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और बयां कर रही है ,आज भी गांव की सड़कों पर गंदगी का अंबार लगा हुआ है, जो सड़कें आवागमन के लिए बनी हुई है ,उसका उपयोग शौचालय के रूप में किया जा रहा है ,जिस के रोकथाम के लिए ना ही ग्राम प्रधान आगे आ रहे हैं ना कोई समाज सेवी संस्था ,
क्या कहते है ग्रामीण व समाज सेवी-
कपिल देव सिंह-समाज सेवी व वरिष्ठ ग्रामीण
शौचालय का उपयोग कर प्रत्येक ब्यक्ति स्वयं का जीवन बीमारियों से मुक्त व खुशहाल बनाने के साथ अपने आने वाली पीढ़ियों को स्वस्थ पर्यावरण दे सकता है-
अनिरुद्ध सिंह-समाज सेवी ग्रामीण
हम सभी ग्रामीणों को शौचालय के उपयोग का संकल्प लेते हुये स्वच्छ भारत मिशन की जमीनी सफलता में सहयोग करना चाहिये,
ग्रामीण-रविन्द्र सिंह
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